सेरीकल्चर किसे कहते हैं(sericulture)
सेरीकल्चर - कच्चा रेशम उत्पादन के लिये रेशम के कीड़ों का पालन।
रेशम का भारत में उत्पादन की बात करें तो रेशम की खेती या सेरीकल्चर की शुरुआत 2450 ईसा पूर्व से 2000 ईसा पूर्व के बीच सिंधु घाटी सभ्यता में हुई थी।
हड़प्पा और चन्हुदड़ो में रेशम की खेती देशी रेशम के कीड़ों की प्रजातियों से होती थी।भारत में रेशम उत्पादन का लंबा इतिहास है और चीन के बाद भारत रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
भारत दुनिया भर में रेशम का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। दुनिया भर में भारत एकमात्र ऐसा देश है जो रेशम, शहतूत, एरी, तसर और मुगा की सभी चार प्रमुख किस्मों का उत्पादन करता है।
इसके लिए उत्पादों की बड़ी किस्में उपलब्ध हैं जिनमें वस्त्र, कपड़े और साड़ी, मेकअप, कालीन, हाई-फैशन रेशम के सामान, उपहार आइटम, स्कार्फ, स्टोल, घर में सजाने वाली वस्तुएं, पर्दे आदि शामिल हैं।
भारत में पोचमपल्ली इकत, चंद्रपॉल सिल्क, मैसूर सिल्क, कांचीपुरम सिल्क, मुगा सिल्क, सलेम सिल्क, अरनी सिल्क, चम्पा सिल्क, भागलपुर सिल्क, बनारस ब्रोकेड और साड़ी आदि जैसे लगभग 11 ज्योग्राफ्किल इंडिकेटर्स (जीआई) उपलब्ध हैं।