समोदभिद पौधे (Mesophytes)

समोदभिद पौधे (Mesophytes)

पृथ्वी पर पाये जाने वाले पौधों में इस श्रेणी के पौधों की संख्या अधिक पाई जाती हैं। यह पौधे सामान्य ताप तथा नमी और वायुयुक्त मृदा वाले स्थलों में पाये जाते हैं। समोद्भिद पादप प्रायः जलाक्रांत (water logged) व लवणीय क्षेत्रों में नहीं पाये जाते हैं। इस श्रेणी के पादपों में जलोदभिद व मरूदृभिद के बीच के लक्षण होते हैं। अर्थात् शुष्क (xcric) व जलीय (hydric) दोनों अवस्थाएं मिलकर पौधों की वृद्धि हेतु आदर्श परिस्थितियां उत्पन्न करते हैं।

समोद (meso) पर्यावरण में पौधे सघनता (luxuriant) से वृद्धि करते हुए वन या घास स्थलीय समुदायों का निर्माण करते हैं। यदि अनुकूल तापक्रम हो तथा पौधों को सम्पूर्ण जल उपलब्ध होता रहे तो वहाँ सदा हरे रहने वाले उष्ण कटिबन्ध वर्षण वन (tropical cvergreen rain forest) बन जाते हैं । स्थल पर समादाभद पादपों के समूह का ये सदा हरे रहने वाले सदाहरित वर्षण वन सर्वक्षेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

प्रायः इस प्रकार के वन जटिल होते हैं तथा इनमें सभी प्रकार के जीव रूप (life form) पाये जाते हैं। जब वर्ष भर में 100 सेमी. से कम वर्षा होती है तथा तापक्रम उच्च होता है तब प्राय: घास स्थलीय समुदाय (grass land commurity) पाये जाते हैं।

उद्यानों में, घने जंगलों या तालाब व नदी और झीलों के किनारों पर पाये जाने वाले चौड़ी पत्तियों की वनस्पति समोद्भिद होती है। इनकी अनुकूलता भी मरूदभिद व जलोद्भिद के मध्य की होती है।

समोदभिद पौधे की आकारिकीय व आन्तरिक लक्षण

इनमें मुख्य रूप से निम्न आकारिकीय व आन्तरिक लक्षण पाये जाते हैं।

(i) मूल संस्थान सुविकसित होता हैं। मूल शाखित, अत्यधिक मूल रोम और शीर्ष पर मूल गोप पाई जाती है।

(ii) इनके स्तम्भ वायव (arcal), मोटा, सीधा व शाखित होता है।

(ii) प्रायः पत्तियां चौड़ी, पतली या मोटी, बड़ी व गहरे हरे रंग की तथा नाना प्रकार की आकृतियों की होती हैं

(iv) इन पत्तियों में वायुतक अनुपस्थित तथा पत्तियों पर रोम व मोम का आवरण नहीं पाया जाता है परन्तु उपत्वचा (cuticle) की परत उपस्थित होती हैं। यह उपत्वचा प्रायः पौधे के समस्त वायव भागों पर भी पाई जाती हैं। पत्तियों के दोनों और की सतह पर रन्ध्र उपस्थित तथा पर्ण मध्योत्तक पूर्ण विकसित व विभेदित होती हैं।

(v)संवहन तथा यांत्रिक ऊतक पूर्ण विकसित होती है।

(vi)इन पौधों में समस्त प्रकार के कार्यकी प्रक्रम (physiological process) सामान्य रूप से होते हैं।

Previous
Next Post »